यदि मैं महापौर होता हिंदी निबंध Essay on If I were the Mayor in Hindi

Essay on If I were the Mayor in Hindi: अपने मुँह मियाँ मिठू बनना मुझे पसंद नहीं है। लेकिन जब मैं अपने शहर की हालत देखता हूँ तो यही इच्छा होती है-काश ! मैं नगरपालिका का अध्यक्ष होता …!

यदि मैं महापौर होता हिंदी निबंध Essay on If I were the Mayor in Hindi

यदि मैं महापौर होता हिंदी निबंध Essay on If I were the Mayor in Hindi

सफाई और स्वास्थ्य के लिए प्रयत्न

मेरे शहर की हालत बहुत खराब है। जगह-जगह कूड़े कचरे के ढेर लगे हुए हैं। मारे दुर्गध के नाक फटी जाती है । गटरों पर ढक्कन नहीं हैं। उनकी सफाई भी अच्छी तरह से नहीं होती। खोमचेवाले दूषित खाद्य पदार्थ बेखटके बेचकर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। पुलिस की नजर के सामने ही अपराध होते रहते हैं। जल पूर्ति की व्यवस्था भी ठिक नहीं है। यदि मैं नगरपालिका का अध्यक्ष होता तो शहर की सूरत ही बदल देता । मैं शहरभर में नियमित और उचित सफाई का बंदोबस्त कराता। प्रत्येक गटर पर ढक्कन लगाए जाते, जिससे गंदगी बाहर न फैलने पाए और वातावरण दूषित न हो। खोमचेवालों पर मैं सख्त पाबंदी लगा देता । होटलों और बाजारों में स्वच्छता के लिए कड़े कदम उठाता । नागरिकों की स्वास्थ्य-रक्षा के लिए मैं हर संभव प्रयत्न करता।

सड़कें ठीक करना, परिवहन और आवागमन की व्यवस्था आदि

यदि मैं नगरपालिका का अध्यक्ष होता तो लोगों के जीवन को अधिक सुविधापूर्ण बनाने की पूरी कोशिश करता। मैं शहर में सड़कों और रोशनी अच्छा प्रबंध करता। बसों की संख्या और कार्यक्षमता बढ़ाकर घंटों इंतजार करनेवाले यात्रिकों की परेशानी को दूर करता। परिवहन का सुंदर प्रबंध करके मैं आए दिन होनेवाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने की कोशिश करता।

पानी, मकान आदि का प्रबंध

इसके अतिरिक्त नगरपालिका के अध्यक्ष के रूप में कम से कम मैं इतना प्रबंध अवश्य करता कि सभी लोगों को पर्याप्त जल मिल सके। मकानों की मरम्मत के लिए मैं एक विशेष फंड की व्यवस्था करता और किरायेदार तथा मकान-मालिकों का सहयोग लेकर मैं उनके जीर्ण मकानों की मरम्मत करवाता।

अन्य लोकोपयोगी कार्य

शहरी जीवन को अधिक सुखमय बनाने के लिए मैं जगह-जगह क्रीडांगणों और उद्यानों का निर्माण करता। स्नानगृह, संग्रहस्थान, रंगभवन आदि सार्वजनिक स्थानों को भी मैं यथोचित आर्थिक सहायता करता । शहर को गुंडों और समाजविरोधी तत्त्वों से बचाने के लिए हर मुमकिन कदम उठाता। इसके साथ ही मैं नगरपालिका के विद्यालयों में शिक्षा का स्तर सुधारने का प्रयत्न करता। विद्यार्थियों को मुफ्त दूध और पौष्टिक खाद्य पदार्थ मिल सके, इसके लिए मैं पक्का इतजाम करता।

उपसंहार

सचमुच, नगरपालिका का अध्यक्ष बनकर मैं शहर और शहरी जीवन में चार चाँद लगा देता। क्या मेरी यह इच्छा पूरी होगी?

इस ब्लॉग पर आपको निबंध, भाषण, अनमोल विचार, कहानी पढ़ने के लिए मिलेगी |अगर आपको भी कोई जानकारी लिखनी है तो आप हमारे ब्लॉग पर लिख सकते हो |