Importance of Our National Festivals Essay in Hindi: हमारे जीवन में त्योहारों का बड़ा महत्त्व हैं। हमारे त्योहार केवल मनोरंजन के साधन ही नहीं है, किंतु उनके पीछे सांस्कृतिक, धार्मिक तथा राष्ट्रीय भावनाएँ छिपी रहती हैं। राष्ट्रीय त्योहारों का अपना अलग महत्त्व होता है।
हमारे राष्ट्रीय त्योहारों का महत्त्व हिंदी निबंध – Importance of Our National Festivals Essay in Hindi
राष्ट्र की एकता और राष्ट्रप्रेम के प्रतीक
राष्ट्रीय त्योहार सारे राष्ट्र के होते हैं। वे प्रांतीयता, सांप्रदायिकता, जातीयता के बंधन से मुक्त होते हैं । राष्ट्र के सभी नागरिक उन्हें अपना मानते है और धूमधाम से मनाते हैं। ये त्योहार हमारी राष्ट्रीय एकता के प्रतीक हैं। इनके द्वारा हमारा राष्ट्रप्रेम प्रकट होता है। स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, टिळक जयंती और गांधी जयंती जैसे त्योहार सारे भारत में मनाए जाते हैं । इन्हें हिंदू, मुसलमान, पारसी, ईसाई सभी अपना मानते हैं । दूरदर्शन एवं आकाशवाणी पर इन त्योहारों से संबंधित विशेष कार्यक्रम पेश किए जाते है। सभी प्रांतों के सभी वर्गों द्वारा इन दिनों उल्लास प्रकट किया जाता है। सारे भेदभाव मिट जाते हैं। सारा भारत राष्ट्रीय एकता और प्रेम के रंग में डूब जाता है।
राष्ट्रीय घटनाओं का स्मारक
राष्ट्रीय त्योहारों के पीछे कुछ विशेष घटनाएँ होती हैं। इन त्योहारों को मनाकर हम कई ऐतिहासिक अथवा राष्ट्रीय घटनाओं की यादें अमर बनाए रखते हैं। ये घटनाएँ हमें प्रेरणा और संदेश देती है। १५ अगस्त के दिन हम प्रतिज्ञा करते हैं कि हम अपनी स्वतंत्रता की रक्षा करेंगे और उसके लिए हर कुर्बानी देने के लिए हरदम तैयार रहेंगे। २६ जनवरी के दिन हम संकल्प करते हैं कि हम भारत को एक आदर्श और महान लोकतंत्र देश बनाएँगे। प्रभुसत्ता हमेशा जनता के हाथ में रहेगी और शासन का काम केवल जनता की सेवा करना होगा।
राष्ट्रीय पुरुषों के संदेशवाहक
टिळक और गांधी जैसे महान नेताओं के जन्मदिन हमें देशप्रेम और देशसेवा की प्रेरणा देते हैं। राष्ट्रीय त्योहारों के साथ राष्ट्र के महान, त्यागी, वीर, बलिदानी पुरुषों का जीवन भी जुड़ा रहता है। इन त्योहारों के अवसरों पर हम उनका पवित्र स्मरण करते हैं। उनके उज्ज्वल चरित्र से शिक्षा ग्रहण करते हैं। विवेकानंद, टिळक, गांधी, नेहरू, सरदार पटेल, भगतसिंह आदि के चरित्र भारतवासियों को राष्ट्रीयता का पाठ पढ़ाते हैं। उनकी याद हमारी भावना को चेतना और बल देती है।
उपसंहार
सचमुच, राष्ट्रीय त्योहार-हमारे राष्ट्रीय उत्सव-राष्ट्रीयता की भावना के पोषक होते हैं। उनसे हमें स्वदेशाभिमान तथा स्वदेशप्रेम की शिक्षा मिलती है। उन्हें प्रेम, उमंग और उल्लास के साथ मनाकर हम भारतमाता की ही पूजा करते हैं।