Importance of Exams Essay in Hindi: सोने का परीक्षण करने के लिए उसे आग में तपाया जाता है उस समय सोने जैसी कठोर धातु भी पिघल जाती है, फिर बेचारे हाड़माँस के आदमी को बात ही क्या? कितनी भी तैयारी कर रखी हो, पुस्तकों को घोट चाट डाला गया हो, लेकिन परीक्षा आते ही परीक्षार्थी के दिल की धड़कन बढ़ जाती है। बड़े बड़े बुद्धिमान भी परीक्षा के नाम से घबराते है। ज्यों-ज्यों परीक्षा का दिन पास आता है, त्यों-त्यों मन में एक तरह का भय बढ़ता जाता है। परीक्षा के एक घंटे पहले परीक्षार्थी की मन:स्थिति तो कोई अनुभवी ही समझ सकता है।
स्वर्णकार ने स्वर्ण जब, दियो अग्नि में डाल।
काँपि उठ्यो, पानी भयो, देखि परीक्षा-काल ।।
परीक्षा से पहले एक घंटा पर हिंदी में निबंध Importance of Exams Essay in Hindi
प्रश्नपत्र की कल्पना
परीक्षा प्रारंभ होने से पहले ही विद्यार्थी परीक्षा-स्थान पर पहुँच जाते हैं और मित्रों की अलग-अलग टोलियाँ बन जाती हैं। कोई कहता है, “देखना, इस कविता का अर्थ जरूर पूछा जाएगा दूसरा उसकी बात काटते हुए कहता है, “इसे तो पहले ही पूछ लिया था। इस बार फिर पूछेगे?” इस प्रकार की चर्चाएँ कभी-कभी गरमागरम बहस का रूप धारण कर लेती हैं। प्रश्नपत्र की कल्पना में विद्यार्थी जमीन-आसमान एक कर देते हैं।
अभ्यास की पुनरावृत्ति
पढ़ाई में कमजोर विद्यार्थियों को ऐसा लगता है, जैसे उन्हें कुछ भी याद नहीं है । महत्त्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तरों को बार-बार याद किया जाता है, फिर भी उनको संतोष नहीं होता। कोई कविता का अर्थ रटने बैठता है, तो कोई सारांश के पीछे पड़ता है। अधिकतर विद्यार्थी मार्गदर्शिकाएँ लेकर उन्हें तोते की तरह रटने बैठ जाते हैं । कुछ विद्यार्थी अध्यापक द्वारा लिखाए गए ‘नोट्स’ को रट लेने में ही बुद्धिमानी समझते हैं।
विद्यार्थियों के दृश्य
सचमुच, इस समय का दृश्य बड़ा ही रोचक होता है। जहाँ देखो, वहाँ चहल-पहल । सबके चेहरे पर भय और कुतूहल ! किंतु कुछ विद्यार्थी आत्मविश्वासी भी होते हैं ! वे पढ़ने में तल्लीन अपने मित्रों की चुटकी लेते हैं। कुछ ऐसे ‘संत’ भी नजर आते हैं, जिनको भाग्यदेवता’ पर अखंड विश्वास होता है। वे ‘रामभरोसे ‘ रेस्टोरों में बैठकर चाय-कॉफी का मजा लूटते हैं और दूसरों से कहते हैं, क्या यार, तू भी आग लगने पर कुआँ खोदता है।”
महत्त्व
इस प्रकार परीक्षा के पहले का एक घंटा विद्यार्थियों के लिए परीक्षा से भी अधिक महत्त्वपूर्ण होता है। कभी-कभी यह घंटा विद्यार्थी की सफलता में चार चाँद लगा देता है। वे जो कुछ इस एक घंटे में पढ़ते हैं, वही कभी कभी प्रश्नपत्र में पूछा जाता है। लेकिन कभी-कभी सारी मेहनत पर पानी भी फिर जाता है । समझदार विद्यार्थियों के लिए यह घंटा ‘स्वर्णकाल’ साबित हो सकता है।
उपसंहार
सचमुच, विद्यार्थियों के विविध रूपों को देखने के लिए परीक्षा के पहले का एक घंटा ही उपयुक्त समय है।